Random testing is stopped in Delhi : दिल्ली में ओमिक्रॉन के कम्युनिटी स्प्रेड के संकेत मिले, अब बाजारों-बस अड्डों पर रैंडम टेस्टिंग बंद

Delhi Omicron Alert : ओमिक्रॉन के सामुदायिक प्रसार से जुदा यह अध्ययन पिछले साल 25 नवंबर से लेकर 23 दिसंबर के बीच में कराया गया था. जिसको लेकर दिल्ली के अलग-अलग पांच जिलों से जीनोम सिक्वेसिंग को लेकर नमूने लिए गए थे. अध्ययन में लगभग 60.9 फीसदी संक्रमित लोगों में सामुदायिक प्रसार दिखा.

Random testing is stopped in Delhi : दिल्ली में ओमिक्रॉन के कम्युनिटी स्प्रेड के संकेत मिले, अब बाजारों-बस अड्डों पर रैंडम टेस्टिंग बंद
दिल्ली में अब बाजारों और बस स्टैंडों पर रैंडम टेस्टिंग पर रोक

दिल्ली से एक बुरी खबर सामने आ रही है, लगातार दो दिनों से नए मामले घटने के बावजूद शहर के कई इलाकों में ओमिक्रॉन के सामुदायिक प्रसार के संकेत मिले है l इसके अलावा ट्रैवल हिस्ट्र न होने वाले लोगों में भी कोरोना के ओमिक्रॉन स्वरूप की पुष्टि हुई l इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंस के क्लिनिकल वायरोलॉजी विभाग के एक अध्ययन में इस कम्युनिटी स्प्रेड के पक्के सबूत मिले हैं l ओमिक्रॉन को लेकर देश में इस तरह का यह पहला अध्ययन है. उधर सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने सामुदायिक कोविड जांच पर रोक लगा दी है. आदेश के तहत बाजारों, बसअड्डे, साप्ताहिक बाजार और मॉल में लोगों की हो रही रैंडम कोविड जांच बंद कर दी गई है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ओमिक्रॉन के सामुदायिक प्रसार से जुदा यह अध्ययन पिछले साल 25 नवंबर से लेकर 23 दिसंबर के बीच में कराया गया था. जिसको लेकर दिल्ली के अलग-अलग पांच जिलों से जीनोम सिक्वेसिंग को लेकर नमूने लिए गए थे. अध्ययन में लगभग 60.9 फीसदी संक्रमित लोगों में सामुदायिक प्रसार दिखा. इस अध्ययन में 264 मामलों में 68.9 फीसदी (182) में डेल्टा और दूसरे वैरिएंट मिले थे. जबकि 31.06 फीसदी (82) में कोरोना के ओमिक्रॉन स्वरूप की पुष्टि हुई.

ओमिक्रॉन के 50.61 फीसदी मामले लक्षणहीन : अध्ययन में यह भी सामने आया कि 50.61 फीसदी ओमिक्रॉन के मामले लक्षणहीन थे. ऐसे संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता नहीं पड़ी जबकि कुल 87.8 फीसदी (72) मामलों में टीकाकरण पूरी तरह से हो चुका था. लगभग 39.1 फीसदी (32) ने यात्रा करने और उनके संपर्क में आने का इतिहास था. जबकि 60.9 फीसदी (50) में सामुदायिक प्रसार दिखा. अध्ययन के अनुसार समुदाय में ओमिक्रॉन के मामलों की 1.8 फीसदी से लेकर 54 फीसदी हर दिन वृद्धि देखने को मिली. देश का यह ऐसा पहला अध्ययन था जिसमें ओमिक्रॉन के सामुदायिक प्रसार के प्रमाण मिले. जिसमें संक्रमण में बढ़ोतरी और अस्पताल में भर्ती होने की दर में कमी देखने को मिली. मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली में 13 जनवरी तक 549 ओमिक्रॉन के मामलों की पुष्टि हुई थी.

दिल्ली में अब बाजारों, बस अड्डों पर नहीं होगी कोविड जांच : उधर दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने सामुदायिक कोविड जांच पर रोक लगा दी है, अब बाजारों, बसअड्डे, साप्ताहिक बाजार और मॉल में लोगों की हो रही रैंडम कोविड जांच बंद कर दी गई है. जिलास्तर पर कोविड जांच के लिए लगाए गए कैंप, मोबाइल वैन टीमें भी हटा दी गई हैं. अब दिल्ली में उन्हीं की जांच होगी जिनमें लक्षण होंगे. अगर कोई कोविड मरीज के सीधे संपर्क में आया है, मगर उसमें कोई लक्षण नहीं है तो कोविड जांच की जरूरत नहीं है. राजधानी में कोविड घटाने जांच घटाने पर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि अभी दिल्ली में रोजाना 70 हजार हजार से ज्यादा जांच हो रही है.

संक्रमित के संपर्क में आए लोगों की जांच अनिवार्य नहीं : आईसीएमआर के दिशानिर्देशों के हिसाब से कोविड जांच की जा रही है. उसके मुताबिक अगर किसी में लक्षण नहीं है तो उसकी जांच नहीं होगी. अगर कोई बुजुर्ग है, उसे पहले से कोई बीमारी है और वह किसी मरीज के संपर्क में आया तो उसकी जांच की जाएगी. मगर बिना लक्षण वालों की जांच पर आईसीएमआर ने जांच की जरूरत नहीं बताई है. आईसीएमआर की गाइडलाइन के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कोविड जांच को लेकर अपनी रणनीति बदली है. बीते दो दिन से लागू की गई नई रणनीति के तहत हो रही जांच का असर दिख रहा है. कोविड जांच की संख्या में 20 से 25 फीसदी की कमी भी आई है. दिल्ली में बीते 12 जनवरी को एक लाख से अधिक कोविड जांच हुईं थीं. अब 14 जनवरी को यह संख्या घटकर 79 हजार पर आ गई है. 15 जनवरी को यह संख्या और कम होने की उम्मीद जताई जा रही है.

कोविड जांच कैंप, मोबाइल वैन हटाई : सामुदायिक जांच बंद करने के निर्देश के बाद अब दिल्ली में आनंद विहार, कश्मीरी गेट, सराय काले खां जैसे बड़े अंतरराज्यीय बस अड्डे से कोविड जांच कैंप बंद कर दिए गए हैं. एक अधिकारी ने बताया कि कई बार हम भीड़ वाले बाजारों में मोबाइल वैन टीम भेजकर जांच करते थे, उन्हें भी हटा लिया गया है. हर टीम में चार से पांच मोबाइल कोविड जांच टीम थीं, वह अब हटा ली गई हैं. दिल्ली में अब सिर्फ लक्षण वाले मरीज की जांच की जाएगी. ऐसे मरीज जो उच्च खतरे वाले हैं, यानि उन्हें पहले कोई बीमारी है तो आशंका होने पर उनकी जांच की जाएगी.