भ्रष्टाचार में लिप्त अफसर दे रहे भ्रष्ट बाबुओं को संरक्षण : जेल मुख्यालय में बाबुओं के पटल परिवर्तन में खेल, एक वर्ग विशेष के बाबुओं को सौंप दिए गए कमाऊ पटल

भ्रष्टाचार में लिप्त अफसर ने भृष्ट बाबुओं को कमाऊ पटल पर तैनात कर दिया। बाबुओं के पटल परिवर्तन को लेकर बाबुओं में खासा आक्रोश व्याप्त है। नाराज बाबुओं ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर लंबे समय से कमाऊ पटल पर जमे बाबुओं की जांच कराकर उचित कार्यवाही किये जाने की मांग की है।

भ्रष्टाचार में लिप्त अफसर दे रहे भ्रष्ट बाबुओं को संरक्षण : जेल मुख्यालय में बाबुओं के पटल परिवर्तन में खेल, एक वर्ग विशेष के बाबुओं को सौंप दिए गए कमाऊ पटल
जेल मुख्यालय (उत्तर -प्रदेश )

लखनऊ। लंबे अंतराल के बाद हुए जेल मुख्यालय में बाबूओं के पटल परिवर्तन में भी जमकर खेल किया गया। भ्रष्टाचार में लिप्त अफसर ने भृष्ट बाबुओं को कमाऊ पटल पर तैनात कर दिया। बाबुओं के पटल परिवर्तन को लेकर बाबुओं में खासा आक्रोश व्याप्त है। नाराज बाबुओं ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर लंबे समय से कमाऊ पटल पर जमे बाबुओं की जांच कराकर उचित कार्यवाही किये जाने की मांग की है।

प्रदेश के बहुचर्चित आगरा बंदीरक्षक भर्ती घोटाले के आरोपी एवम जेल मुख्यालय में गोपनीय विभाग का प्रभार संभाल रहे वरिष्ठ अधीक्षक ने चार अक्टूबर को लिपिक सवर्ग के बाबुओं का पटल परिवर्तन किया। सूत्रों का कहना है कमाऊ पटल पर तैनात बाबुओं को पुनः इधर उधर करके कमाऊ पटल पर ही भेज दिया गया।

गोपनीय अनुभाग के प्रधान सहायक अनिल कुमार वर्मा को अधिष्ठान अनुभाग एक, श्रवन कुमार वर्मा को अधिष्ठान अनुभाग तीन से बजट, आदर्श कारागार से डीओ वाले वार्डर को मनमाफिक तैनाती दिलाने वाले भरत को अधिष्ठान अनुभाग तीन, सर्वेश नायक को निर्माण से प्रोबेशन से सम्बद्ध को प्रोबेशन अनुभाग में तैनात कर दिया।

यह तो बानगी भर है। इसी प्रकार करीब दो दर्जन से अधिक चहेते बाबुओं को कमाऊ पटल पर तैनात कर दिया गया है। बेतरतीब तरीके से आवंटित किये गए कमाऊ पटल से बाबुओं में खासी नाराजगी देखी जा रही है। इसको लेकर तमाम तरह कयास लगाए जा रहे है।

चर्चा है कि आगरा बंदीरक्षक भर्ती घोटाले में विजिलेंस जांच में दोषी मुख्यालय के वरिष्ठ अधीक्षक ने अपने चहेते उन बाबुओं को कमाऊ पटल पर तैनात कर दिया जिनके भ्रष्टाचार में लिप्त होने की शिकायते मुख्यालय के अधिकारियों को लगातार मिल रही थी। बीते दिनों विभाग के हेड वार्डर व वार्डर संवर्ग के तबादलों में जमकर वसूली की थी।

इन बाबुओं ने कमाई के चक्कर मे एक एक वार्डर व हेड वार्डर के दो-दो स्थानों पर तबादले कर दिए थे। यह अलग बात है कि इसमें कई तबादलो को बाद में संशोधित भी किया गया। बड़ी संख्या में अभी भी तबादलो में विवाद बना हुआ है। उधर मुख्यालय के एक अधिकारी ने बाबुओं के पटल बदले जाने की बात तो स्वीकार की लेकिन और कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया।

मुख्यमंत्री को शिकायत भेजकर की जांच की मांग

लखनऊ। बाबुओं के पटल परिवर्तन से आक्रोशित बाबुओं ने मुख्यमंत्री को शिकायत भेजकर इसकी जांच कराए जाने की मांग की है। मुख्यमंत्री को भेजी गई शिकायत में आरोप लगाए गए है कि विभाग के भृष्ट अधिकारी आपकी जीरो टॉलरेंस की नीति की खुले आम धज्जियां उड़ा रहे है। एक पटल पर 20-25 साल से जमे बाबुओं को हटाया ही नही जाता है। विभागे के दस्तावेजों से इस सच की पुष्टि की जा सकती है। हकीकत यह है कि भ्रष्ट अधिकारी भ्रष्ट बाबुओं को संरक्षण दे रहे है। यही वजह है कि विभाग मुख्यमंत्री के पास होने के बाद भी भ्रष्टाचार थमने का नाम नही ले रहा है।

राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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