अमेजॉन पर मिल रहे अंतरराष्ट्रीय बाजार से आर्डर : महिला बन्दियों को आत्मनिर्भर बनाने की सराहनीय पहल, गाय के गोबर से बनाई लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां

संस्था की निदेशक गौरी जैन ने बताया कि महिला बन्दियों के निर्मित गाय के गोबर की मूर्तियों के साथ अन्य उत्पादों की मांग ऑनलाइन तेजी से बढ़ रही है। लगातार इसके आर्डर मिल रहे है। इस कार्य को और बढ़ाया जाएगा।

अमेजॉन पर मिल रहे अंतरराष्ट्रीय बाजार से आर्डर : महिला बन्दियों को आत्मनिर्भर बनाने की सराहनीय पहल, गाय के गोबर से बनाई लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां
मुरादाबाद जेल प्रशासन ने जेल में बंद महिला बन्दियों को आत्मनिर्भर बनाने की सराहनीय पहल की है

लखनऊ। मुरादाबाद जेल प्रशासन ने जेल में बंद महिला बन्दियों को आत्मनिर्भर बनाने की सराहनीय पहल की है। स्वयंसेवी संस्था के सहयोग से महिला बन्दियों को गाय के गोबर से लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, शुभ-लाभ, दीपक, अगरबत्ती इत्यादि पूजन सामग्री बनाकर बेंचने का मौका दिया है। महिला बन्दियों की निर्मित यह वस्तुएं अमेजॉन पर उपलब्ध है। जेल को अंतरराष्ट्रीय बाजार से इसके आर्डर मिल रहे है। दिलचस्प बात यह है कि मूर्तियों का निर्माण हिन्दू मुस्लिम महिलाएं मिलकर कर रही है।

महिला बन्दियों की निर्मित यह वस्तुएं अमेजॉन पर उपलब्ध

मिली जानकारी के मुताबिक जेल प्रशासन के अधिकारियों ने स्वयंसेवी संस्था के सहयोग से महिला बन्दियों को गाय के गोबर से पूजन सामग्री बनाने का प्रशिक्षण दिलाया। संस्था की महिलाओं ने महिला बन्दियों को गोबर से गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियों के साथ शुभ-लाभ, दीपक, अगरबत्ती, धूपबत्ती बना रही है। यह कार्य करके महिला बन्दी रानी, पायल, रेनू, सत्यवती, मंजू, दामिनी के साथ मुस्लिम महिला बन्दी मोमिना, सोनम, कमरजहां, ख़ुश्मीन, सबीना पारिश्रमिक अर्जित कर रही है।

मुरादाबाद जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा कहते है कि जेल प्रशासन का यह प्रयास बन्दियों को समाज से जोड़ने के लिए किया गया है। बन्दियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए यह प्रयास निरंतर जारी रहेगा। महिला बन्दियों के बाद इसके लिए पुरुष बन्दियों को भी जोड़े जाने की योजना है।

संस्था की निदेशक गौरी जैन ने बताया कि महिला बन्दियों के निर्मित गाय के गोबर की मूर्तियों के साथ अन्य उत्पादों की मांग ऑनलाइन तेजी से बढ़ रही है। लगातार इसके आर्डर मिल रहे है। इस कार्य को और बढ़ाया जाएगा। महिला बन्दियों के इस कार्य की सराहना की जा रही है।

राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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