CBI ने JEE-Main में धांधली के आरोप में चार लोगों को किया गिरफ्तार, पैसों के बदले क्वेश्चन पेपर सॉल्व करने का आरोप

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) में दाखिले के लिए प्रतिष्ठित जेईई-मेन परीक्षा में धांधली का मामला तब सामने आया जब सीबीआई ने एफिनिटी एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशकों के खिलाफ भारी भुगतान के बदले रिमोट एक्सेस के माध्यम से उम्मीदवारों के लिए प्रश्न पत्र हल करने के संबंध में मामला दर्ज किया

CBI ने JEE-Main में धांधली के आरोप में चार लोगों को किया गिरफ्तार, पैसों के बदले क्वेश्चन पेपर सॉल्व करने का आरोप
CBI ने JEE-Main में धांधली के आरोप में चार लोगों को किया गिरफ्तार

सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने जेईई-मेन 2021 (JEE-Main 2021) में कथित हेरफेर के सिलसिले में सोमवार को सोनीपत के एक इंजीनियरिंग कॉलेज के एक सहायक प्रोफेसर सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया l अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सोनीपत के एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में कार्यरत सहायक प्रोफेसर संदीप गुप्ता, लैब टेक्नीशियन अरविंद सैनी और कुलदीप गर्ग और कर्मचारी तुलसी राम को सीबीआई ने सोमवार को हिरासत में ले लिया.

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) में दाखिले के लिए प्रतिष्ठित जेईई-मेन परीक्षा में धांधली का मामला तब सामने आया जब सीबीआई ने एफिनिटी एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशकों के खिलाफ भारी भुगतान के बदले रिमोट एक्सेस के माध्यम से उम्मीदवारों के लिए प्रश्न पत्र हल करने के संबंध में मामला दर्ज किया.

कई राज्यों में फैले थे एजेंट : सीबीआइ (CBI) ने बताया कि एनआइटी के शीर्ष संस्थानों में नामांकन के लिए यह गिरोह 12 से 15 लाख रुपए लेता था l बताया गया कि नोएडा स्थित एफिनिटी एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों ने जेईई मेन्स में बेहतर रैंकिंग दिलाने का पूरा खेल खेला l इसके एजेंट कई राज्यों में फैले थे.

ये एजेंट जेईई मेन में कम रैंकिंग वाले छात्रों से संपर्क कर उन्हें बेहतर रैंकिंग और शीर्ष एनआइटी संस्थान में नामांकन का भरोसा दिलाते थे l इसके एवज में 12 से 15 लाख रुपए की मांग करते थे. परीक्षा में धांधली के लिए एफिनिटी एजुकेशन के निदेशकों ने हरियाणा के सोनीपत के परीक्षा केंद्र में कुछ कर्मचारियों से साठगांठ कर ली थी l छात्रों को इसी परीक्षा केंद्र को चुनने के लिए कहा जाता था.