मथुरा होली 2022 रंगभरणी एकादशी पर वृंदावन में उमड़े लाखों श्रद्धालु : बांकेबिहारी मंदिर में होली का उल्लास, एकादशी पर आस्था के रंग में डूबी कान्हा की नगरी

ब्रज में होली का उल्लास है रंगभरनी एकादशी पर वृंदावन में भक्तों की भीड़ है। पंचकोसीय परिक्रमा में भक्तों का हुजूम उमड़ा तो वहीं दूसरी ओर मंदिरों में होली के आयोजन हुए। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में होली के लिए भारी भीड़ उमड़ी।....

मथुरा होली 2022 रंगभरणी एकादशी पर वृंदावन में उमड़े लाखों श्रद्धालु : बांकेबिहारी मंदिर में होली का उल्लास, एकादशी पर आस्था के रंग में डूबी कान्हा की नगरी
मथुरा होली 2022 रंगभरणी एकादशी पर वृंदावन में उमड़े लाखों श्रद्धालु

रंगभरनी एकादशी पर ठा. बांकेबिहारी मंदिर में होली की जो उमंग देखने को मिली, दुनिया के किसी छोर पर नहीं मिल सकती। देश-दुनिया से लाखों श्रद्धालु वृंदावन पहुंचे हैं। सोमवार तड़के से ही ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर के बाहर भक्तों की भारी भीड़ जुट गई। पट खुलते ही पूरा मंदिर परिसर ठाकुरजी के जयकारों से गुंजायमान हो गया। बरसाना और नंदगांव की प्रसिद्ध लठामार होली के बाद रंगभरनी एकादशी पर जन जन के आराध्य ठाकुर बांकेबिहारी महाराज ने भक्तों संग होली खेली।

श्वेत धवल वस्त्रों में मोरमुकुट, कमर में रंगों का फेंटा बांध जब हुरियारे के रूप में ठा. बांकेबिहारी ने भक्तों को दर्शन दिए, तो भक्त आल्हादित हो उठे। आराध्य के कपाेल (गाल) पर चोवा, चंदन, अबीर अैर गुलाल लगाकर जब सेवाधिकारियों ने ठाकुरजी का प्रसादी टेसू का रंग पिचकारी के जरिए भक्तों पर उड़ेला तो हर भक्त आराध्य के प्रसादी रंग में सराबोर होने को उत्सुक दिखा। भक्तों की भीड़ से खचाखच भरा मंदिर प्रांगण, कदम रखने तक की जगह नहीं और हर भक्त की इच्छा ठाकुरजी के रंग में सराबोर होने की, तो श्रद्धालुओं में आगे बढ़ने की ललक होना जायज था और हुआ भी यही। सुबह से लेकर शाम तक आराध्य बांकेबिहारी के प्रसादी रंग में सराबोर होकर भक्तों ने होली का जो धमाल मचाया मानो पूरी दुनियाभर की होली का आनंद केवल बांकेबिहारी के आंगन में ही आ रहा था। हजारों भक्त अपने आराध्य ठाकुर बांकेबिहारी को नयनों में भरने की अभिलाषा लिए मंदिर में पहुंचे और दर्शन पाकर कृतार्थ हुए।

ब्रज में होली का उल्लास देखने को मिल रहा है : रंगभरनी एकादशी पर ब्रज में होली का उत्साह पूरे चरम पर पहुंच गया। सोमवार को रंगभरनी एकादशी से ठा. बांकेबिहारी समेत ब्रज के मंदिरों में अबीर-गुलाल बरसना शुरू हो गया। बड़ी संख्या में लोग सूरज की पहली किरण के साथ वृंदावन की पंचकोसी परिक्रमा कर रहे हैं। ब्रज की होली की बात ही निराली है। इसीलिए, होली का नाम आते ही सबसे पहले ब्रज का नाम ध्यान में आता है। बांके बिहारी मंदिर में होलिका दहन वाले दिन तक मंदिर के सेवाधिकारी ठाकुरजी के प्रसाद के तौर पर रंग-गुलाल भक्तों पर डालेंगे।

बांके बिहारी मंदिर में रंगभरनी एकादशी से टेसू का रंग, अबीर-गुलाल, जलेबी, लड्डू और फूलों से होली खेलने की शुरुआत हो गई। मंदिर के सेवायत गोपी गोस्वामी ने बताया कि रंगभरनी एकादशी से जलने वाली होली तक मंदिर के गर्भगृह से सेवाधिकारी भगवान का प्रसादी रंग भक्तों पर डालते हैं और भक्त इस रंग में सराबोर होने को सालभर तक इंतजार करते हैं, भक्तों की ये इच्छा इन पांच दिनों में पूरी होती है। लेकिन, होली के इस आनंद से मन भक्तों भी नहीं भरता। 

पंचकोसी परिक्रमा में उमड़ा आस्था का सैलाब : रंगभरनी एकादशी पर श्रीकृष्ण की क्रीड़ास्थली वृंदावन में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। पंचकोसी परिक्रमा करने के लिए लाखों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। भोर में तीन बजे से ही परिक्रमा मार्ग में राधारानी के जयकारे शुरू हुए जो लगातार जारी हैं। देशभर के अनेक शहरों से आए भक्तों की टोलियों में कहीं आडियो सिस्टम पर गाए जा रहे रसिया पर नाचते थिरकते और गुलाल उड़ाते भक्तों के उल्लास का ठिकाना न था तो कहीं राधारानी के जयकारे तो कहीं होली की हंसी ठिठोली का नजारा देखने को मिल रहा था। पंचकोसीय परिक्रमा में जहां भी नजर पड़ी, पूरे परिक्रमा मार्ग में भक्तों का भारी हुजूम ही नजर आ रहा था। दिन चढ़ने के साथ भक्तों की भीड़ का दवाब लगातार बढ़ता ही जा रहा था। करीब 11 किलोमीटर परिक्रमा मार्ग के दायरे में कहीं भी पैर रखने तक को जगह नजर नहीं आ रही थी। तो मथुरा मार्ग, पानीगांव मार्ग, छटीकरा मार्ग से हजारों श्रद्धालु पैदल चलकर परिक्रमा में जुड़ते हमी जा रहे थे। शहर के हर एंट्री मार्ग पर हजारों श्रद्धालुओं की लंबी कतारें वृंदावन की परिक्रमा करने को पहुंचती नजर आ रही थीं। परिक्रमार्थियों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिसबल की तैनाती की गई थी। ताकि किसी भी श्रद्धालु के साथ होली में किसी तरह की अभद्रता और अव्यवस्था न पनपने पाए। पूरे रिक्रमा मार्ग में लोगों के बस सिर ही सिर नजर आ रहे हैं। लोग गुलाल उड़ाते हुए परिक्रमा कर रहे हैं। परिक्रमा में भीड़ इस कदर है कि पैर रखने तक की जगह नहीं है।

कोविडकाल के बाद हुआ भक्तों की भीड़ में इजाफा : दो साल से कोरोना के चलते होली पर श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम थी। इस बार कोरोना का कहर कम हुआ, तो देशभर से लोग होली मनाने वृंदावन पहुंच गए। शहर में जिस तरफ देखो, वहीं लोगों का हुजूम नजर आ रहा है। छटीकरा मार्ग पर रुक्मिणी विहार पार्किंग से लेकर परिक्रमा मार्ग तक पूरी सड़क भक्तों की भीड़ से गुलजार थी, तो मथुरा मार्ग पर पागल बाबा मंदिर से लेकर अटल्ला चुंगी और यमुना एक्सप्रेस-वे मार्ग पर पानीगंव से लेकर पानीघाट परिक्रमा कट तक लगातार भक्तों के कदम पंचकोसीय परिक्रमा और ठा. बांकेबिहारी के दर्शन के लिए बढ़ते ही नजर आ रहे थे।