हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में गोबिंद सागर झील में डूबे पंजाब के सात युवकों के शव मंगलवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौपें

सोमवार को सावन के महीने में मंदिरों में दर्शन करने के लिए पंजाब से आए सात युवकों की गोबिंद सागर झील में डूबने से मौत हो गई थी। ये सभी झील में नहाने के लिए उतरे थे और तैरना नहीं जानते थे। झील की गहराई का अंदाजा न होने के कारण अचानक एक युवक डूबने लगा तो अन्य ने चेन बनाकर बचाने की कोशिश की। लेकिन देखते ही देखते सभी झील में डूब गए।

हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में गोबिंद सागर झील में डूबे पंजाब के सात युवकों के शव मंगलवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौपें
हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में गोबिंद सागर झील में डूबे पंजाब के सात युवक

हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में गोबिंद सागर झील में डूबे पंजाब के सात युवकों के शव मंगलवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिए गए। गमगीन माहौल के बीच ऊना स्थित शवगृह के बाहर सुबह से ही परिजनों की भीड़ लगी रही।  हादसे में खो चुके अपनों के दर्शन के इंतजार में परिजन रोते-बिलखते रहे। पोस्टमार्टम होते ही अपने लाडलों को देख परिजन बिलख पड़े। परिजनों को रोता देखकर हर किसी की आंख नम हो गई। मोहाली जिले के बनूड़ के सभी मृतक युवकों के शवों को सात एंबुलेंस से पैतृक गांव भेजा गया।

शवों को लेने के लिए बनूड़ के स्थानीय पार्षद और ग्रामीण भी ऊना पहुंचे थे। वहीं, स्थानीय प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को 25-25 हजार रुपये की फौरी राहत प्रदान की है। तहसीलदार बंगाणा राहुल शर्मा ने इसकी पुष्टि की है। मृतकों में पवन कुमार (35) पुत्र सुरजीत राम, रमन कुमार (19) और लाभ सिंह (16) पुत्र लाल चंद, लखवीर सिंह (16) और अरुण कुमार (14) पुत्र रमेश कुमार, विशाल कुमार (18) पुत्र राजू, शिवा कुमार (16) पुत्र अवतार सिंह शामिल हैं।

पोस्टमार्टम के बार परिजनों को सौंपे शव

गौरतलब है कि सोमवार को सावन के महीने में मंदिरों में दर्शन करने के लिए पंजाब से आए सात युवकों की गोबिंद सागर झील में डूबने से मौत हो गई थी। ये सभी झील में नहाने के लिए उतरे थे और तैरना नहीं जानते थे। झील की गहराई का अंदाजा न होने के कारण अचानक एक युवक डूबने लगा तो अन्य ने चेन बनाकर बचाने की कोशिश की। लेकिन देखते ही देखते सभी झील में डूब गए।  

हादसे में दो परिवारों ने अपने दो-दो बेटे खोए हैं जबकि चार आपस में चाचा-भतीजा लगते थे। यह हादसा सोमवार को दोपहर बाद करीब 3:45 बजे जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर बंगाणा उपमंडल के कोलका में हुआ। बताया जा रहा है कि चार बाइकों में सवार होकर 11 युवक यहां पहुंचे थे। ऊना के पीरनिगाह के बाद कोलका स्थित बाबा गरीबनाथ मंदिर में माथा टेकने के बाद सभी को बाबा बालक नाथ मंदिर और वहां से नयना देवी होते हुए वापस जाना था।

इसी बीच गरीबनाथ मंदिर से सटी झील में सात युवा नहाने के लिए उतर गए। दो युवक गुरप्रीत और रमन कुमार बाहर बैठकर इन्हें देखने लगे। अन्य दो युवक सोनू और कृष्ण लाल थोड़ी दूर खड़ी बोट के पास सेल्फी लेने लगे। नहाने उतरे युवकों में से एक अचानक डूबने लगा। इसे बचाने के लिए अन्य युवक चेन बनाने की कोशिश करने लगे। संतुलन न बनने की वजह से बारी-बारी सभी युवक डूबने लगे। यह देख किनारे बैठे गुरप्रीत और रमन कुमार चिल्लाने लगे।  चीख पुकार सुनकर सोनू और कृष्ण लाल भी दौड़कर किनारे पर पहुंच गए। दोस्तों को डूबता देख कृष्ण लाल भावुक हो गया और वह भी झील में कूद पड़ा। थोड़ी ही देर में कृष्ण लाल भी झील में डूबने लगा लेकिन सोनू ने उसे बचा लिया। चीख पुकार सुनकर स्थानीय लोग भी घटनास्थल पर पहुंच गए लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। 

हादसे में सुरजीत  ने अपना एक बेटा पवन व तीन पौत्र रमन, लव व लखवीर खो दिए। 32 वर्षीय पवन कुमार तीन बेटियों व एक बेटे का पिता था। वह शराब फैक्टरी में मजूदरी करता था। उन पर ही सारे परिवार की जिम्मेदारी थी। लाल चंद के दोनों बेटे रमन  और लाभ की डूबने से मौत हुई है। रमन सरकारी कॉलेज खूनीमाजरा में इलेक्ट्रिक्ल डिप्लोमा में दूसरे साल का छात्र था।

गोताखोर ने निकाले शव

वहीं लाभ सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 11वीं का छात्र था। इनकी दो बहनें हैं। लाल चंद की पिछले साल हादसे में चार जगह से टांग टूट गई थी। वह अभी तक बिस्तर पर है। वहीं लखवीर बनूड़ के स्कूल में 11वीं का विद्यार्थी था। विशाल (18) तीन भाइयों में बीच वाला था। उसके पिता मजदूरी करते थे। अरुण 8वीं का विद्यार्थी है। शिवा दसवीं कर रहा है। किशन, मोनू, फौजी और रमन भी इनके साथ गए थे।