साउथ दिल्ली : गोहांग का अस्पताल जहां से चलता था किडनी रैकेट, सामने आए चौंकाने वाले वीडियो

साउथ जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि किडनी रैकेट के मास्टरमाइंड कुलदीप विश्वकर्मा उर्फ केडी समेत अन्य आरोपियों के मोबाइल से काफी वीडियो मिले हैं। इनमें ज्यादातर वीडियो तीन से चार मिनट के हैं।

साउथ दिल्ली : गोहांग का अस्पताल जहां से चलता था किडनी रैकेट, सामने आए चौंकाने वाले वीडियो
गिरफ्तार आरोपी और इनसेट में अस्पताल जहां चलता था रैकेट

साउथ दिल्ली में बीते दिनों सामने आए किडनी रैकेट के बारे में लगातार चौंकाने वाली बातें सामने आ रही हैं। खुद को 'गिफ्टेड सर्जन' मानने वाला आरोपी डॉक्टर इस रैकेट को चलाने के लिए लोगों को इस तरह झांसे में लेता था कि उन्हें पता तक नहीं चलता था आरोपी गरीब व अशिक्षित लोगों को यह कहकर अपना काम निकालते थे कि किडनी दान करना पुण्य का काम है। आरोपियों के मोबाइल से ऐसे वीडियो मिले हैं जो किडनी डोनर व रिसीवर के हैं। ये वीडियो आरोपियों के पश्चिमी विहार स्थित ठिकाने पर बनाए गए हैं। इन वीडियो को दिखाकर ये पीड़ितों से किडनी बेचने के लिए तैयार करते थे। दूसरी तरफ गिरफ्तार आरोपी डाक्टर प्रियांश शर्मा उर्फ समीर का एक दिन का पुलिस रिमांड शनिवार को खत्म हो गया। हौजखास पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

साउथ जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि किडनी रैकेट के मास्टरमाइंड कुलदीप विश्वकर्मा उर्फ केडी समेत अन्य आरोपियों के मोबाइल से काफी वीडियो मिले हैं। इनमें ज्यादातर वीडियो तीन से चार मिनट के हैं। इन वीडियो में आरोपी बता रहे कि वह पहले अपनी बीमारियों से पेरशान रहते थे। बीमारियों के इलाज के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। किडनी दान करने के बाद पैसे आ गए। इससे उन्होंने अपना इलाज करा लिया और किडनी देकर एक पुण्य का काम किया है।

इन्होंने कुछ वीडियो किडनी देने वालों की भी बना रखी है। कुलदीप उर्फ केडी के मोबाइल से कुछ ऐसे वीडियो भी मिले हैं जिनमें किडनी दिलाकर जान बचाने के लिए रिसीवर उसे दुआएं देते हुए उसका बहुत-बहुत धन्यवाद कर रहे हैं।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि वह अपने गिरोह के सदस्यों को इन वीडियो को दिखकर किडनी देने वाले ज्यादा से ज्यादा लोग लाने के लिए कहता था। बताया जा रहा है कि उन्होंने वीडियो दिखाकर काफी पीड़ितों को किडनी दान करने के लिए तैयार किया था। वीडियो दिखाने के बाद लोग जल्द ही इनके झांसे में आ जाते थे। हौजखास पुलिस ने  कुलदीप के मोबाइल को खंगाला है। मोबाइल की सर्च हिस्ट्री से पता लगा है कि वह मोबाइल पर दिनभर किडनी से संबंधित चीजें ही देखता रहता था। इस कारण उसे किडनी व यूरोलॉजी के बारे में ज्यादा जानकारी थी। हालांकि उसने दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में करीब 20 वर्ष काम किया है।

दो आरोपियों की पहचान की : हौजखास पुलिस ने दो और आरोपियों की पहचान कर ली है। इन आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। ये आरोपी भी किडनी डोनर ढूंढकर लाते थे और किडनी प्रत्यारोपण में सहायता करते थे। पुलिस किडनी रैकेट में अभी तक दो डॉक्टर समेत 11 आरेपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।

पैसे पर विवाद होने पर पहले रैकेट से अलग हो गया था : कुलदीप इससे पहले दूसरे किडनी रैकेट में काम करता था। ये रैकेट जयपुर, राजस्थान में चल रहा है। इस रैकेट में भी कुलदीप किडनी प्रत्यारोपण करता था। राजस्थान वाले गिरोह के लोग इसे कम पैस देने लगे थे। इस कारण इसका पहले वाले किडनी रैकेट के आरोपियों से विवाद हो गया था। इसके बाद ये गिरोह से अलग हो गया और दिल्ली में अपना किडनी रैकेट चलाने लगा।