केजीएमयू के शताब्दी फेज-1 में जल्द मिलेगी मरीजों को एक्स-रे और सीटी स्कैन की सुविधा

केजीएमयू में मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए लगातार काम किये जा रहे है। इसी को देखते हुए शताब्दी फेज-1 में जल्द ही मरीजों को एक्स-रे और सीटी स्कैन की भी सुविधा मिलेगी। जिससे उनको संस्थान में दूसरी जगह जांच कराने के लिए भागा-दौड़ी नहीं करनी पड़ेगी।….

केजीएमयू के शताब्दी फेज-1 में जल्द मिलेगी मरीजों को एक्स-रे और सीटी स्कैन की सुविधा
केजीएमयू के शताब्दी फेज-1 में जल्द मिलेगी मरीजों को एक्स-रे और सीटी स्कैन की सुविधा

मुख्य बातें

  • सीएम ब्रजेश पाठक ने केजीएमयू में इलाज कराने आने वाले मरीजों को दी बड़ी राहत
  • सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश के बाद खून की जांच की सुविधा भी मरीजों को शताब्दी में मिलेगी
  • मरीजों को एक्स-रे, सीटी स्कैन और खून की जांच के लिए दूसरी जगह नहीं करनी पड़ेगी भागा-दौड़ी 

लखनऊ : प्रदेश सरकार के प्रयासों के बाद स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो रहा है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश के बाद केजीएमयू में सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। इसका फायदा प्रदेश भर से आने वाले मरीजों को मिलेगा।

केजीएमयू में मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए लगातार काम किये जा रहे है। इसी को देखते हुए शताब्दी फेज-1 में जल्द ही मरीजों को एक्स-रे और सीटी स्कैन की भी सुविधा मिलेगी। जिससे उनको संस्थान में दूसरी जगह जांच कराने के लिए भागा-दौड़ी नहीं करनी पड़ेगी। उनको यहीं पर सभी सुविधाएं मिल जायेगी। इसके लिए हॉस्पिटल एडवाइजरी बोर्ड में सहमति भी मिल चुकी है। जल्द ही मशीन लगाने का काम किया जायेगा।

जल्द मिलेगी सुविधा : केजीएमयू के शताब्दी फेज-1 में गेस्ट्रोलॉजी, सर्जिकल गेस्ट्रोइंट्रोलॉजी और ट्रांसप्लांट समेत 16 ऑपरेशन थियेटर मौजूद है। साथ ही यहां के वार्ड में मरीज भी भर्ती होते है। ऐसे में मरीजों को जांच लिखी जाती है तो उनको ट्रामा या मेन कैंपस में बने जांच सेंटर में जाना पड़ता है। जिसकी वजह से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन, अब मरीजों को भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। क्योंकि जल्द ही यहां पर पोर्टेबल एक्स-रे मशीन लगाई जायेगी। इसके अलावा सीटी स्कैन की भी सुविधा मिलेगी। इसके लिए शताब्दी अस्पताल में जगह का भी चयन कर लिया गया है।

खून की जांच होगी : शताब्दी में 16 ऑपरेशन थिएटर हैं। ऑपरेशन के बाद मरीजों के रक्त में ऑक्सीजन का स्तर पता लगाने की जरूरत पड़ती है। तीमारदार को खून का नमूना लेकर बड़ी पैथोलॉजी व ट्रॉमा सेंटर तक दौड़ लगाने की जरूरत पड़ रही थी। अब यह जांच शताब्दी में होगी। इसका फायदा मरीजों को मिलेगा।

पल्लव शर्मा 
सीनियर पत्रकार