उत्तर प्रदेश में बारिश बनी आफत : अधिकारियों को नुकसान का आकलन करने के निर्देश, आज और कल प्रदेश में स्कूल-कॉलेज समेत सभी शिक्षण संस्थान बंद

देश में इस वर्ष मानसनू लंबे समय तक बना रह सकता हैं, क्योंकि सितंबर के अंत तक उत्तर भारत में बारिश में कमी आने के संकेत नहीं दिख रहे हैं l प्रदेश के कई क्षेत्रों में अतिवृष्टि के मद्देनजर सभी मण्डलों के आयुक्‍तों और जिलाधिकारियों को तेजी से राहत कार्य संचालित करने के निर्देश दिए हैं.

उत्तर प्रदेश में बारिश बनी आफत : अधिकारियों को नुकसान का आकलन करने के निर्देश, आज और कल प्रदेश में स्कूल-कॉलेज समेत सभी शिक्षण संस्थान बंद
यूपी में भारी बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया

यूपी में बारिश आफत बनकर बरश रही है l मौसम विभाग (IMD) के अलर्ट के बाद योगी सरकार ने 17 और 18 सितम्बर दो दिन प्रदेश में स्कूल-कॉलेज समेत सभी शिक्षण संस्थानों को बन्द रखने के निर्देश दिए हैं. साथ ही प्रदेश के कई क्षेत्रों में अतिवृष्टि के मद्देनजर सभी मण्डलों के आयुक्‍तों और जिलाधिकारियों को तेजी से राहत कार्य संचालित करने के निर्देश दिए हैं.

गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के कई क्षेत्रों में भारी बारिश और अतिवृष्टि (Uttar Pradesh Weather Update) को देखते हुए सभी मण्डलायुक्तों और जिलाधिकारियों को पूरी तत्परता से राहत कार्य संचालित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारीगण क्षेत्र का भ्रमण कर राहत कार्यों पर नजर रखें. उन्होंने 17 व 18 सितम्बर, 2021 को प्रदेश में स्कूल-कॉलेजों सहित सभी शिक्षण संस्थानों को बन्द रखने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है.

अधिकारियों को नुकसान का आकलन करने के निर्देश : मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित जनपदों में राहत कार्य प्रभावी रूप से कराए जाएं. आपदा से प्रभावित लोगों को तत्काल राहत पहुंचायी जाए. जल-जमाव की स्थिति में प्राथमिकता पर जल निकासी की व्यवस्था कराई जाए. उन्होंने सम्बन्धित जनपदों के अधिकारियों को इस आपदा से हुए नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए हैं.

इन शहरों में जारी हुआ ऑरेंज अलर्ट : मौसम विभाग की ओर से कई जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है. इन सभी जिलों में हो रही बारिश या तो जारी रहेगी या फिर बारिश की संभावना बनी हुई है. बारिश के साथ साथ 87 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा के तेज झोंके भी चलेंगे. वहीं अमेठी, अयोध्या, बाराबंकी, बहराइच, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, हरदोई, लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, कानपुर नगर, कानपुर देहात, औरैया, इटावा, कन्नौज, मैनपुरी, फर्रुखाबाद, शाहजहांपुर, बरेली, पीलीभीत, बदायूं, कासगंज, एटा, मथुरा, अलीगढ़, बुलंदशहर और नोएडा इन जिलों में बारिश जारी रहेगी.

इन इलाकों में बारिश से आफत : लखनऊ में गुरुवार को हजरतगंज, चारबाग, चौक, कैसरबाग, डालीगंज, पुराना लखनऊ, महानगर, निशातगंज, कपूरथला, बालाघाट, जियामऊ, गोमती नगर, इंदिरा नगर, कृष्णा नगर, अलीगंज, सदर, अर्जुनगंज, आलमबाग, एयरपोर्ट, रायबरेली रोड, सीतापुर रोड, हरदोई रोड, अयोध्या रोड इत्यादि सभी इलाकों में जमकर बारिश हो रही है. तेज बारिश के चलते लखनऊ के कई कालोनियों और सड़कों में भी जलभराव हो गया है.

अभी मानसनू लौटने की संभावना नहीं : देश में इस वर्ष मानसनू लंबे समय तक बना रह सकता हैं, क्योंकि सितंबर के अंत तक उत्तर भारत में बारिश में कमी आने के संकेत नहीं दिख रहे हैं.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसनू उत्तर पश्चिम भारत से तभी वापस होता है जब लगातार पांच दिनों तक इलाके में बारिश नहीं होती है. निचले क्षोभ मंडल में चक्रवात रोधी वायु का निर्माण होता है और आर्द्रता में भी काफी कमी होना आवश्यक है.

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, अगले दस दिनों तक उत्तर भारत से मानसनू की वापसी के संकेत नहीं दिख रहे हैं. आईएमडी ने एक बयान में कहा कि 23-29 सितंबर के सप्ताह की समाप्ति से पहले उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों से मानसनू की वापसी की शुरुआत के लिए परिस्थितियां अनुकूल होने की संभावना नहीं है.

आईएमडी ने पिछले वर्ष भी उत्तर पश्चिम भारत से मानसनू की वापसी की तारीख संशोधित की थी. पिछले कुछ वर्षों से मानसनू की वापसी में विलंब होने के रूख को देखते हुए यह किया गया था. दक्षिण पश्चिम मानसनू पहले राजस्थान से वापस होना शुरू होता है. संशोधित तिथि के अनुसार, यह 17 सितंबर से जैसलमेर से वापस होना शुरू होता है.

दक्षिण पश्चिम मानसनू ने 2017, 2018, 2019 और 2020 में विलंब से वापसी शुरू की. मानसनू के विलंब से वापस जाने का मतलब होता है कि ठंड भी देर से पड़ती है. आधिकारिक रूप से दक्षिण पश्चिम मानसनू एक जून से शुरू होता है और 30 सितंबर तक रहता है.