असम में प्रदर्शनकारियों पर चलाई गोलियां : पुलिस ही नहीं फोटोग्राफर ने भी बेसुध पड़े शख्स पर चलाए लात-घूंसे, हुआ गिरफ्तार

असम पुलिस ने गुरुवार को राज्य के दरांग जिले के धौलपुर गोरुखुटी इलाके में गोलीबारी की घटना के दौरान एक घायल प्रदर्शनकारी के साथ मारपीट करते देखे गए फोटोग्राफर को गिरफ्तार कर लिया l तस्वीर खींचने वाले फोटोग्राफर की पहचान विजय शंकर बनिया के रूप में हुई है l

असम में प्रदर्शनकारियों पर चलाई गोलियां : पुलिस ही नहीं फोटोग्राफर ने भी बेसुध पड़े शख्स पर चलाए लात-घूंसे, हुआ गिरफ्तार
असम: वायरल वीडियो में घायल व्यक्ति की पिटाई करते फोटोग्राफर गिरफ्तार,

असम पुलिस (Assam Police) ने गुरुवार को राज्य के दरांग जिले के धौलपुर गोरुखुटी इलाके में गोलीबारी की घटना के दौरान एक घायल प्रदर्शनकारी के साथ मारपीट करते देखे गए फोटोग्राफर को गिरफ्तार कर लिया l तस्वीर खींचने वाले फोटोग्राफर की पहचान विजय शंकर बनिया के रूप में हुई है l अबतक मिली जानकारी के अनुसार बनिया एक पेशेवर फोटोग्राफर हैं और उन्हें जिला प्रशासन द्वारा इस क्षेत्र में असम सरकार द्वारा किए जा रहे निष्कासन अभियान का डॉक्यूमेंटेशन करने के लिए काम पर रखा गया था.

वहीं हिंसा उस समय हो गई जब पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने सरकारी कार्रवाई का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश की l  इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर अधिकारियों पर पथराव किया और उन पर धारदार हथियारों से हमला भी किया.

गोलियां चलाने पर दो नागरिकों की मौत : वहीं पुलिस ने तब आत्मरक्षा में गोलियां चलाईं तो दो नागरिकों की मौत हो गई l दरांग के पुलिस अधीक्षक सुशांत बिस्वा सरमा ने कहा कि इससे दोनों पक्षों में मारपीट हुई जिसमें कम से कम दस अन्य घायल हो गए. इस बीच, घटना का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें फोटोग्राफर बिजय शंकर बनिया एक प्रदर्शनकारी की पिटाई कर रहे थे, जिसे गोली मार दी गई थी.

वीडियो में दिखाया गया कि कई पुलिसकर्मी पेड़ों के पीछे से बिना किसी लक्ष्यों के फायरिंग कर रहे है l  वहीं दूसरी तरफ फोटोग्राफर बनिया भी घुटने के बल तो कभी कूदकर-कूदकर दोनों पैरों से शव की छाती और चेहरे पर हमला कर रहा है.

आखिर क्यों हटाया जा रहा अतिक्रमण : दरअसल राज्य में नई सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने यहां से अवैध कब्जा को हटाने का निर्देश दिया था l सरकार का कहना है कि इस जमीन का इस्तेमाल कृषि परियोजना के लिए किया जाएगा l वहीं लोकल मीडिया की माने तो, गांव की 120 बीघा जमीन को खाली कराया गया था, जो कथित तौर पर प्राचीन शिव मंदिर से जुड़ी थी l इस गांव में ज्यादातर पूर्वी बंगाल मूल के मुसलमान रहते हैं.