बलिया जेल में हुए बवाल के पीछे का सच : नए अधीक्षक के आतंक से उग्र हुए बन्दियों ने किया बवाल, वसूली व मारपीट से आक्रोशित बन्दियों ने की डिप्टी जेलर की पिटाई

जिला प्रशासन की जेल अधिकारियों के शिथिल नियंत्रण की रिपोर्ट पर शासन ने जेल अधीक्षक समेत कई अधिकारियों व सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया। बलिया जेल में हुए बवाल को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे हुए है।

बलिया जेल में हुए बवाल के पीछे का सच : नए अधीक्षक के आतंक से उग्र हुए बन्दियों ने किया बवाल, वसूली व मारपीट से आक्रोशित बन्दियों ने की डिप्टी जेलर की पिटाई
बलिया जेल में हुए बवाल के पीछे का सच

लखनऊ। गेट बुक में लाइन छुड़वाकर घर से जेल संचालित करने की शिकायत पर ललितपुर से हटाकर बलिया भेजे गए जेल अधीक्षक इस बार होटल से जेल चला रहे थे। यह बात सुनने में भले ही अटपटी लगे लेकिन इस सच की पुष्टि जेल दस्तावेजों से की जा सकती है। नए अधीक्षक ने प्रभार ग्रहण करने के बाद एक सप्ताह ऐसा आतंक मचाया कि बन्दियों ने जेल में अधिकारियों की पिटाई करने के साथ पत्थरबाजी कर जमकर बवाल काटा।

बेकाबू जेल को नियंत्रित करने के लिए जेल प्रशासन को जिला व पुलिस प्रशासन का सहारा लेने को विवश होना पड़ा। जिला प्रशासन की जेल अधिकारियों के शिथिल नियंत्रण की रिपोर्ट पर शासन ने जेल अधीक्षक समेत कई अधिकारियों व सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया। बलिया जेल में हुए बवाल को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे हुए है।

घर से नहीं इस बार होटल से चलाई जेल : मिली जानकारी के मुताबिक जेल गेटबुक में लाइन छुड़वाकर ललितपुर जेल का जेल अधीक्षक यूपी मिश्र संचालन कर रहे थे। इस शिकायत की जांच में पुष्टि होने पर शासन ने अधीक्षक यूपी मिश्र का ललितपुर से हटाकर बलिया जेल पर तैनात किया सूत्रों का कहना है कि दो जुलाई को प्रभार संभालने के बाद जेल अधीक्षक यूपी मिश्र ने सरकारी आवास में रहने के बजाय एक होटल में रुके। इसी होटल में रहकर उन्होंने करीब एक माह तक जेल का संचालन किया।

बताया गया है कि एक हफ्ते में ही नए जेल अधीक्षक ने ऐसा आतंक मचाया की जेल स्टाफ व बन्दियों में आक्रोश व्याप्त हो गया। उत्पीड़न व मारपीट की घटनाओं से आजिज आकर जेल के बन्दियों ने पत्थरबाजी, भूख हड़ताल की। इस उपद्रव के दौरान बन्दियों ने एक डिप्टी जेलर व कई बंदीरक्षकों की पिटाई तक कर दी। बेकाबू हालात को नियंत्रित करने के लिए जिला एवं पुलिस प्रशासन का सहारा लेना पड़ा। जिला प्रशासन ने जेल में छापामार कर कई मोबाइल फ़ोन बरामद किए। इससे जेल प्रशासन के अधिकारी तिलमिला गए। एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए गए।

सूत्र बताते है कि जिला प्रशासन की छापामार कार्यवाही के दौरान मोबाइल फ़ोन की बरामदगी और जेल में बन्दियों के उपद्रव, पत्थरबाजी व बवाल की रिपोर्ट शासन को भेजी। रिपोर्ट के बाद हरकत में आये शासन ने जेल अधीक्षक, जेलर समेत अन्य जिम्मेदार अधिकारियों व सुरक्षाकर्मियों को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया। बताया गया है बरेली जिला जेल में दो बन्दियों के आत्महत्या व अवैध कैंटीन संचालन में जेल अधीक्षक यूपी मिश्र को बरेली से हटाकर ललितपुर भेजा गया था।

जाते-जाते कर गए नियम विरुद्ध गल्ला गोदाम-एमएसके का भुगतान

लखनऊ। बलिया जेल में बवाल के बाद हुई निलंबन की कार्यवाही में एक ऐसे जेलर को निलंबित कर दिया गया जो अवकाश पर था। यही नही निलंबन की जानकारी होने पर अधीक्षक ने जेलर व प्रभारी जेलर की गैर मौजूदगी में दो माह के गल्ला गोदाम व विविध वस्तुओ की खरीद के लाखो रुपये के बिलों का भुगतान कराकर कमीशन की मोटी रकम हड़प ली। इसी प्रकार निलंबित किया गया जेलर घटना के समय अवकाश पर था। सूत्र बताते है कि आठ अगस्त की घटना में निलंबित किये गए जेलर को जो चार्जसीट दी गई उसमे हवाला  14 जुलाई की घटना का किया गया है। हकीकत यह बताई जा रही घटना की दिन जेलर ऑपरेशन कराने के लिए अवकाश पर था।

राकेश यादव
स्वतंत्र पत्रकार
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