इण्डियन हेल्पलाइन की प्रबंध सम्पादिका “सुनीता दोहरे” के निवास स्थान पर हरियाली तीज के उपलक्ष्य में सावन तीज उत्सव का हुआ आयोजन

दिनांक 30/7/ 22 दिन शनिवार को इण्डियन हेल्पलाइन की प्रबंध सम्पादिका “सुनीता दोहरे” के निवास स्थान पर हरियाली तीज के उपलक्ष में सावन तीज उत्सव का आयोजन किया गया l जिसका शीर्षक "हरा भरा सावन- हरियाली तीज" रखा गया

इण्डियन हेल्पलाइन की प्रबंध सम्पादिका “सुनीता दोहरे” के निवास स्थान पर हरियाली तीज के उपलक्ष्य में सावन तीज उत्सव का हुआ आयोजन
हरियाली तीज के उपलक्ष में सावन तीज उत्सव का हुआ आयोजन

लखनऊ : दिनांक 30/7/22 दिन शनिवार को इण्डियन हेल्पलाइन की प्रबंध सम्पादिका “सुनीता दोहरे” के निवास स्थान पर हरियाली तीज के उपलक्ष में सावन तीज उत्सव का आयोजन किया गया l जिसका शीर्षक "हरा भरा सावन- हरियाली तीज" रखा गया  l

भारतीय संस्कृति सभ्यता एवं परंपराओं को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम में सोलह श्रृंगार एवं हरे परिधान और हरे रंग को महत्ता दी गई l सोलह सिंगार में मेहंदी ,महावर ,हरी चूड़ियों को प्रमुखता दी जाती है l…….

सुनीता दोहरे” ने तीज क्वीन बनी “सुरभी वर्मा” को स्वलिखित रचना को सुनाकर बधाई सन्देश दिया l……

सज संवर के चली है गोरी, पायल सी रुनझुन है छोरी

हरी चूड़ियाँ, हरी चुनरिया, मेहँदी लगा के सज गई गोरी

सर पर है ताज क्वीन का, तीज क्वीन है रस की गोली

पेड़ों पर हैं झूले लग गये, पड़े सावन की फुहार रसीली

कच्ची पक्की नीम निबोली, कंघना बोले, पिया की गोरी

दे रहीं मुबारकबाद हैं सखियाँ, होंठों पे मुस्कान छबीली

“हम सभी सखियों की ओर से तहे दिल से तीज क्वीन को बहुत बहुत मुबारक

कार्यक्रम के दौरान शशी तिवारी ने हाउजी खिलाई 

कार्यक्रम के अंत में इण्डियन हेल्पलाइन की प्रबंध सम्पादिका “सुनीता दोहरे” ने सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि हरियाली तीज आस्था, प्रेम, सौंदर्य व उमंग का त्यौहार है। तीज का आगमन सावन में होने वाली भीगी फुहारों से ही शुरू हो जाता है। साथ ही उन्होंने सभी प्रतिभागियों के लिए उनके पिया की तरफ से पाती लिख सन्देश दिया l…… 

सावन तीज उत्सव में रंगारंग कार्यक्रम के अंतर्गत ……

  1. सावन तीज क्वीन- विनर / सुरभी वर्मा
  2. तीज क्वीन-फर्स्ट रनरअप/ सुनीता दोहरे
  3. तीज क्वीन-सेकंड रनर अप / सरिता वर्मा चुनी गई l  

कार्यक्रम के दौरान हर साल की तरह इस बार भी सुनीता दोहरे ने अपनी स्वलिखित रचनाओं को सभी सखियों के लिए “पिया की पाती” (शब्द मेरे, भावनाएं सखियों के पति की), जिसे सुनाया l आप भी पढ़िए और लुफ्त उठाइये l.....

अर्चना के पिया की पाती

तू कह दे तो आज उसे साकार करूँ, मैं आज फिर से प्रेम का इजहार करूँ

तू कह दे तो अपने हांथों से दिलबर, फिर आज तेरा श्रृंगार करूँ

सजा कर मेहंदी हांथों में, सजाकर  माथे पे बिंदी, मांग मध्य सिन्दूर भरूँ

गूथूंगा गजरा फूलों का, तेरे घनेरे केशों पर, दिल से दिल  का राग बनूँ

तू कह दे तो, मैं फिर से सात जनम के बंधन का, तुमसे आज करार करूँ

भारत में यह हरियाली तीज के नाम से भी जानी जाती है। महिलाएं भगवान सदाशिव जी के साथ जगदम्बा श्री पार्वती जी की स्तुति और गुणगान करते हुऐ इस पर्व को महिलाएं बड़ी ही खुशी के साथ नाचते-गाते हुए मनाती हैं।

तीज पर मेहंदी लगाने, चूडियां पहनने, झूला झूलने तथा लोक गीतों को गाने का विशेष महत्व है। तीज के त्यौहार वाले दिन खुले स्थानों पर बड़े-बड़े वृक्षों की शाखाओं पर, घर की छत पर या बरामदे में झूले लगाए जाते हैं जिन पर स्त्रियां झूला झूलती हैं।

चारों ओर हरियाली भी अपने मधुर गान से इस त्यौहार को मनाने के लिए प्रकृति के गले लग जाती है। इस समय बरसात और प्रकृति के मिलने से पूरे वातावरण में मधुर झनकार सी बजने लगती है। इस त्योहार की मधुर बेला के आगमन के समय नव विवाहिता लड़कियों को उनके ससुराल से पीहर बुला लिया जाता है, अपने पीहर आने के बाद महिलाएं गीत गाती हैं, झूला झूलती हैं और नाचती हैं।

सरिता जी के पिया की पाती 
जब भी धड़के धड़कन मेरी, तेरी सांसे मुझमें आतीं हैं 
खुश होता हूँ जब -जब में, चेहरे पे मुस्कान तेरे छा जाती है 
तू जब होती है पास मेरे, हर लम्हा तू महकाती है 
जाती है संवर ये जिंदगी, जब तू बाँहों में मुस्काती है 
दुनियां है मेरी बाँहों में, जब से आई तू मेरे आंगन में 
बिन बोले सब कह जाती अखियां, जिस अदा तू मुस्काती है 

तीज के अवसर पर नवयुवतियां हाथों में मेंहदी रचाते हुए गीत गाती हैं। समूचा वातावरण श्रृंगार से अभिभूत हो उठता है। इस त्योहार की सबसे बड़ी विशेषता है कि महिलाओं का हाथों पर विभिन्न प्रकार से बेलबूटे बनाकर मेंहदी रचाना।

हरियाली तीज के दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र को बनाए रखने के लिए निर्जला व्रत धारण कर मां पार्वती की स्तुति करती हैं। प्रत्येक सुहागन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर नए वस्त्र पहन कर मां पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं।

पल्लव शर्मा 
सीनियर पत्रकार