लखनऊ के अमीनाबाद में लखनऊ महानगर द्वारा “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” कार्यक्रम आयोजित हुआ

आर्यसमाज मंदिर गणेशगंज अमीनाबाद में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ लखनऊ महानगर द्वारा आयोजित कार्यक्रम में 100 महिलाओ को पैड वा हस्तशिल्पी कार्ड वितरित किये गए

लखनऊ के अमीनाबाद में लखनऊ महानगर द्वारा “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” कार्यक्रम आयोजित हुआ
लखनऊ के अमीनाबाद में लखनऊ महानगर द्वारा “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” कार्यक्रम आयोजित हुआ

आर्यसमाज मंदिर गणेशगंज अमीनाबाद में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ लखनऊ महानगर द्वारा आयोजित कार्यक्रम में 100 महिलाओ को पैड वा हस्तशिल्पी कार्ड लखनऊ महानगर अध्यक्ष/एमएलसी मुकेश शर्मा, पूर्व पार्षद गिरीश गुप्ता, अपर्णा मिश्रा, बबिता अग्रवाल, अर्चना बोरा, राजीव बाजपेई द्वारा वितरित किये गए l

(इस आयोजन में बीजेपी की उपलब्धियां वा सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई मधु कास्यब खुशबू ज्योति उपमा बिंदिया शशि महजबीन वा सभी महिलाओ की सफल सहभागिता रही.)

 

नीचे दिया गया ये आर्टिकल "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" पर लिखा गया है। स्थिति में सुधार के लिए केंद्र सरकार ने "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" मिशन की शुरुवात की थी l........

ब्लॉग में नीचे दिए गए विचार लेखक के अपने विचार हैं 

बच्चियों को पढ़ाने पर दिया जा रहा जोर : इस योजना के तहत बालिकाओं को अधिक से अधिक गैर परंपरागत विषयों की शिक्षा के लिए प्रेरित किया जाता है। इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा में उनके नामांकन को बढ़ाने पर भी सरकार का फोकस रहता है। सरकार अपनी इस योजना के तहत मासिक धर्म संबंधी स्वच्छता और बाल विवाह की रोकथाम के बारे में जागरूकता को बढ़ाने पर भी बल दे रही है.

  • "बेटी बचाओ बेटी पढाओ" अभियान के तहत युवाओं को इस तरह की शिक्षा प्रदान करना ताकि वो महिलाओं के समान अधिकार की बात करें।
  • शिक्षा के साथ बालिकाओं को अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ाने एवं उनकी भागीदारी को सुनिश्चित करना भी मुख्य इस सरकारी योजना का लक्ष्य है।
  • हर लड़की को शिक्षा का सामान अधिकार और शिक्षा के लिए उसको प्रेरित करना। शिक्षा बालिकाओ के सशक्तिकरण के लिए एक बुनियादी पहलू है।
  • इस सरकारी योजना में बालिकाओ के गिरते लिंगानुपात के लिए जरुरी कदम उठाना।
  • बालिकाओं को शोषण से बचाना व उन्हें सही/गलत के बारे में जानकारी देना l

बालिकाओं के सुदृढीकरण पर जोर : “बेटी बचाओ बेटी पढाओ” (बीबीबीपी) योजना का समग्र लक्ष्य बेटियों के जन्म का उत्सव मनाना और उनकी शिक्षा को संभव बनाना है l “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” योजना से पूरे जीवन-काल में शिशु लिंग अनुपात में कमी को रोकने में मदद मिलती है और महिलाओं के सशक्तीकरण से जुड़े मुद्दों का समाधान होता है। यह योजना तीन मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित की जा रही है अर्थात महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन मंत्रालय।

देखा जाये तो समाज में जागरूकता के अभाव में आज भी बेटियों को अपने दहलीज के अंदर रखने का काम किया जा रहा है। आज बेटियां देश के सभी क्षेत्रों में सर्वोच्च पदों पर आसीन होकर अपना नाम रोशन कर रही है। इससे लोगों को प्रेरणा लेने की जरूरत है। लेकिन आज भी ग्रामीण क्षेत्र में बेटियां अबला समझ कर पढ़ने के लिए बाहर नहीं भेजी जाती हैं। उनकी पढ़ाई सिर्फ गांव तक सिमट कर रह जाती है। जिससे उन बेटियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पाती है।

"बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" एक बेहद प्रभावकारी योजना है जिसके तहत लड़कियों की संख्या में सुधार, इनकी सुरक्षा, शिक्षा, कन्या भ्रूण हत्या का उन्मूलन, व्यक्तिगत और पेशेवर विकास आदि का लक्ष्य पूरे देश भर में है। इसे सभी राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों में लागू करने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान के द्वारा देश में केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्रालय, स्वास्थ्य तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के कई शहरों में इस योजना को लागू किया गया है।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" पहल के कई सकारात्मक परिणाम मिले हैं और स्कूलों में नामांकित लड़कियों की संख्या में उत्साहजनक सुधार हुआ है। भारत की बेटियां में वह शक्ति है जो उन्हें आगे बढ़ने का हौसला देती है, बस उन्हें चाहिए अपने परिवार का समर्थन और लोगों का साथ क्योंकि बेटियों में भी वह काबिलियत है जो बेटों में होती है। इसलिए अगर आप एक माता पिता है तो अपनी बेटियों को आगे बढ़ने का मौका अवश्य दें.

ये सत्य है कि….एक आत्मनिर्भर राष्ट्र की परिकल्पना तभी साकार हो सकती है, जब  महिलाएं सक्षम और आत्मनिर्भर हों।

किसी ने खूब कहा है कि …….

खुशबू, मोहब्बत और बेटियां, कब वहां रूकती जहां वो पलती हैं,

घर में संगीत बजता है हर पल, जब बेटियां पाज़ेब पहनकर चलती हैं,

रौनक घर में बेटियों से ही होती है, अपनी मौजूदगी से वो घरों को रोशन करती हैं l .

सुनीता दोहरे
प्रबंध सम्पादक /इंडियन हेल्पलाइन न्यूज़