बिजली विभाग के 12 JE और 8 SDO आरोपी : कॉमर्शियल उपभोक्ताओं को बिना मीटर वाला कनेक्शन दे दिया; 23 का हुआ तबादला

ग्रेटर नोएडा में बिजली का कनेक्शन देने में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जेई से लेकर एसडीओ और एक्सईएन स्तर के 23 इंजीनियरों ने पैसे लेकर स्थाई की जगह अस्थाई कनेक्शन लोगों को दे दिया।

बिजली विभाग के 12 JE और 8 SDO आरोपी : कॉमर्शियल उपभोक्ताओं को बिना मीटर वाला कनेक्शन दे दिया; 23 का हुआ तबादला
गलत तरीके से कनेक्शन देने वाले इंजीनियरों पर कार्रवाई शुरू हो गई है(सांकेतिक तस्वीर)

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में पावर कॉरपोरेशन के इंजीनियरों का बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है। विभाग के इंजीनियरों ने गलत तरीके से अस्थाई कनेक्शन देकर विभाग को करोड़ों रुपए का चूना लगाया है। सरकार ने इस पर सख्त रवैया अपनाते हुए 23 इंजीनियरों का तबादला कर दिया है। हालांकि, जांच की फाइनल रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। बताया जा रहा है कि रिपोर्ट आने के बाद इन सभी लोगों के खिलाफ बर्खास्तगी या निलंबन की कार्रवाई तय है।

स्थायी की जगह अस्थायी कनेक्शन देते थे : मामला नोएडा और ग्रेटर नोएडा का है। यहां बिजली का कनेक्शन देने में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। मालूम चला है कि जेई से लेकर एसडीओ और एक्सईएन स्तर के 23 इंजीनियरों ने पैसे लेकर स्थाई की जगह अस्थाई कनेक्शन लोगों को दे दिया।

शिकायत मिली तो कॉरपोरेशन के चेयरमैन ने जांच बैठा दी। जांच में शामिल एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि विभागीय जांच पूरी होने के बाद इन इंजीनियरों पर निलंबन से लेकर बर्खास्तगी तक की कार्रवाई होगी।

बिना मीटर लगाए दिया कनेक्शन : जो कनेक्शन दिए गए हैं, उसमें से ज्यादातर उपभोक्ता के यहां मीटर नहीं लगाया गया है। इसकी वजह से उसने कितनी बिजली का इस्तेमाल किया, इसकी जानकारी नहीं हो पाएगी। अधिकारियों ने बताया कि जिन लोगों के यहां बिना मीटर के कनेक्शन दिए गए हैं, वे सभी बड़े कॉमर्शियल उपभोक्ता थे। उनके यहां लाखों रुपए का बिल आना चाहिए था, लेकिन विभागीय लापरवाही की वजह से ऐसा नहीं हो पाया। इसमें कुल 9 बिंदुओं पर जांच करने की बात सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि कई मामले में कनेक्शन पूरी तरह से नियमों को ताक पर रख दिया गया है। इसमें दूरी से लेकर लोड जैसे फैक्टर शामिल हैं।

12 JE और 8 SDO आरोपी : जिन 23 लोगों पर जांच चल रही है और तबादला किया गया है, उनमें सबसे ज्यादा संख्या जूनियर इंजीनियरों की है। इसमें 12 जेई, 8 एसडीओ और तीन एक्सईएन शामिल है। कनेक्शन देने में सबसे पहली रिपोर्ट जेई की होती है। ऐसे में उनके खिलाफ सबसे पहले कार्रवाई होती है।

पावर कॉरपोरेशन के एमडी एम देवराज का कहना है कि अस्थायी कनेक्शन देने समेत कई तरह की अनियमितताओं की जांच चल रही थी। समिति की रिपोर्ट में जांच पहली नजर में सही साबित हुए है। उसकी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई शुरू की गई है। अभी तबादला किया गया है। पूरी रिपोर्ट आने के बाद बाकी दंडात्मक कार्रवाई होगी।