RBI monetary policy October 2021 : रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट पहले की तरह बरकरार,EMI चुकाने वालों को नहीं मिलेगी राहत

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास मौद्रिक नीति का ऐलान किया। उन्होंने बताया कि रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है वो पहले की तरह 4 फीसद की दर पर यथावत है।

RBI monetary policy October 2021 : रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट पहले की तरह बरकरार,EMI चुकाने वालों को नहीं मिलेगी राहत
आरबीआई मौद्रिक नीति अक्टूबर 2021 में रेपो और रिवर्स रेपो रेट में बदलाव नहीं

RBI monetary policy October 2021 : भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास मौद्रिक नीति का ऐलान किया। उन्होंने बताया कि रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है वो पहले की तरह 4 फीसद की दर पर यथावत है। इसी तरह रिवर्स रेपो रेट भी 3.35 की दर पर ही रहेगा। वैश्विक जिंस कीमतों में वृद्धि और घरेलू मुद्रास्फीति पर नियंत्रण की जरूरत के बीच केंद्रीय बैंक के दर निर्धारण पैनल ने बुधवार को अगली द्विमासिक मौद्रिक नीति पर तीन दिवसीय विचार-विमर्श शुरू किया था। 

मुख्य बातें

  • रेपो और रिवर्स रेपो रेट में बदलाव नहीं
  • रेपो रेट 4 फीसद और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसद पर यथावत'
  • विकास की गति को मिल रही है तेजी, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत'

रेपो और रिवर्स रेपो रेट में बदलाव नहीं : विशेषज्ञों का भी मानना था कि केंद्रीय बैंक लगातार आठवीं बार नीतिगत दरों पर यथास्थिति बनाए रखेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि पॉलिसी रेपो रेट या शॉर्ट टर्म लेंडिंग रेट फिलहाल 4 फीसदी है और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी है।दास ने कहा कि एमपीसी ने रेपो दर को 4% पर अपरिवर्तित रखने के लिए मतदान किया। जब तक आवश्यक हो तब तक विकास को पुनर्जीवित करने और बनाए रखने और COVID19 महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए आवश्यक है, जबकि मुद्रास्फीति लक्ष्य के भीतर बनी हुई है।

मौद्रिक नीति की खास बातें : वित्तीय वर्ष 2022 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 5.3% अनुमानित है। वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 5.2% अनुमानित है।

वित्त वर्ष 2021-22 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि का अनुमान 9.5% पर बरकरार रखा गया है। इसमें Q2 में 7.9%, Q3 में 6.8% और 2021-22 के Q4 में 6.1% शामिल हैं।

वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि 17.2% अनुमानित है।

मौद्रिक नीति के ऐलान से पहले शेयर बाजार में आई थी उछाल : शुरुआती सत्र में बीएसई सेंसेक्स 223.79 अंक उछलकर 59,901.62 पर और एनएसई निफ्टी 77.75 अंक बढ़कर 17,868.10 पर पहुंच गया है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि उच्च आवृत्ति संकेतक बताते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने गति पकड़ी है जिसे आगामी त्योहारी सीजन से सहायता मिलेगी। उन्होंने स्टिकी मुद्रास्फीति को स्वीकार किया।  उन्होंने कहा कि पिछली एमपीसी बैठक के समय की तुलना में आज भारत काफी बेहतर स्थिति में है। विकास की गति तेज हुई है और मुद्रास्फीति का अनुमान अपेक्षा से अधिक अनुकूल है।a